सिरदर्द headache के कारण व घरेलू उपाय।

सिरदर्द (Headache) सिर, गर्दन या कभी-कभी पीठ के उपरी भाग के दर्द होने लगता है। यह सबसे अधिक होने वाली तकलीफ है, जो कुछ व्यक्तियों में बार बार होता है। सिरदर्द की आमतौर पर कोई गंभीर वजह नहीं होती, इसलिए लाइफस्टाइल में बदलाव के तरीके सीखकर इसे दूर किया जा सकता है। इसके अलावा कुछ घरेलू उपाय भी होते हैं, जिन्हें अपनाकर सिरदर्द से राहत मिल सकती है।

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आमतौर सिर में दर्द होने को बहुत हल्के में लिया जाता है, लेकिन इस दर्द की कई ऐसी वजहें हो सकती हैं जिनमें जरा सी लापरवाही भी खतरनाक हो सकती है।

सिरदर्द को हल्के में नहीं लेना चाहिए। कभी-कभी यह दर्द किसी गंभीर बीमारी पनपने का सूचक भी होता है। वैसे तो सिरदर्द बहुत ही कामन रूप से होता है, परंतु कभी-कभी यह कुछ आगामी बीमारियों के कारण भी हो सकता है। इसकी गंभीरता को समझते हुए सिरदर्द होने पर चिकित्सक से सलाह कर उसका उचित उपचार करवाना चाहिए।

सिरदर्द ( Headache) का कारण


1. आमतौर पर खोपड़ी की मसल्स में खिंचाव के कारण सिरदर्द होता है।

2. लंबे वक्त तक शारीरिक मेहनत और डेस्क या कंप्यूटर के सामने बैठकर घंटों काम करने से सिरदर्द हो सकता है।

3. किसी बात को लेकर मूड खराब होने या देर तक सोचते रहने से भी सिरदर्द हो सकता है। सिरदर्द के लिए जेनेटिक कारण भी 20 फीसदी तक जिम्मेदार होते हैं। मसलन, अगर किसी के खानदान में किसी को माइग्रेन है तो उसे भी हो सकता है।

4. ज्यादातर लोगों को देर से सोने की आदत होती है जिससे नींद पूरी न होने से पूरा नर्वस सिस्टम प्रभावित होता है और ब्रेन की मसल्स में खिंचाव होता है, जिससे सिरदर्द हो जाता है। इसके अलावा वक्त पर खाना न खाने से कई बार शरीर में ग्लूकोज की कमी हो जाती है या पेट में गैस बन जाती है, जिससे सिरदर्द हो सकता है।

5. ज्यादा अल्कोहल लेने से सिरदर्द हो सकता है।

6. बीमारी : दूसरी बीमारियां जैसे कि आंख, कान, नाक और गले की दिक्कत भी सिरदर्द दे सकती है।

सिरदर्द का इलाज ( sir dard ka ilaaj )


1. रात में कम-से-कम 6-8 घंटे की नींद जरूर लें और सोने - जागने का शेड्यूल एक जैसा रखने की कोशिश करें।
2. भागदौड़ भरी जिंदगी में सबसे आगे रहने की टेंशन लेने के बजाय कॉम्पिटिशन के साथ सामान्य रूप से जीने की आदत डालें और टेंशन को कम करने के लिए योग का सहारा लें।

3. सिरदर्द से बचाव में योगा (yoga) की भूमिका काफी अहम है, नाक की एक छिद्र बन्द कर सास लेने छोड़ने से न्यूरोन में फैलाव आती है और सोचने की सकती बढ़ती है।जोकि शरीर के लिए नैचरल पेनकिलर का काम करता है।

4. स्मोकिंग से खून की नलियां और ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित होता है, जिससे मसल्स में ब्लड सर्कुलेशन सही ढंग से नहीं हो पाता और तेज सिरदर्द हो जाता है। अल्कोहल कम लें। साथ ही, डीहाइड्रेशन से बचने के लिए ड्रिंक करने के बाद खूब सारा पानी पीना चाहिए।

5. बार - बार दवा लेना भी सिरदर्द की वजह हो सकता है, क्योंकि हल्का दर्द होने पर भी दवा लेने से शरीर को इनकी आदत हो जाती है। दो - तीन महीने तक लगातार ऐसा करने से सिरदर्द पलटकर आता है और जब तक दवा न लें, ठीक नहीं होता

सिरदर्द के घरेलू उपाय ( Headache home remedies)


1. अदरक : एक बर्तन में पानी उबालें।
अदरक के टुकड़ों को घिसकर उबलते पानी में डाल दें। अब इस उबलते पानी को थोड़ी देर के लिए ढक दें थोड़ी देर बाद मिश्रण को छान लें और गरमा-गर्म पिएं आप एक दिन में एक या दो कप इस मिश्रण का सेवन कर सकते हैं।

2. लौग: लौंग को एक कपड़े या रूमाल में
बांधकर दर्द के दौरान सूंघ सकते हैं इसके अलावा, एक या दो चम्मच लौंग के तेल को बादाम या नारियल तेल में मिलाकर माथे पर लगाएं।

3. काली मिर्च : आप एक बर्तन में पानी उबालें और उबलते पानी में पुदीने के पत्ते, काला नमक व काली मिर्च डालकर उबालें। फिर इस चाय को छानकर गरमा-गर्म पिएं।

4. मिर्च : आप एक गिलास गर्म या गुनगुने पानी में चुटकीभर या आधा चम्मच, जितना आप पी सकें, उतना मिर्ची पाउडर डालकर मिश्रण तैयार कर लें।
फिर इसे पी जाएं।

5. ग्रीन-टी : ग्रीन-टी के पत्ते को या ग्रीन-टी के बैग को एक कप उबलते पानी में डालें।

फिर इसे छानकर गरमा-गर्म पीएं। आप इसमें स्वाद के लिए थोड़ा नींबू का रस और शहद भी मिला सकते हैं। स्वस्थ रहने के लिए हर रोज़ दो कप ग्रीन-टी का सेवन कर सकते हैं।
6. पुदीने का तेल : पुदीने के साथ-साथ उसका तेल भी फायदेमंद है। सिरदर्द में पुदीने का तेल काफ़ी लाभकारी होता है।
एक या दो बूंद पुदीने का तेल एक चम्मच जैतून या नारियल तेल दोनों तेल को मिला लें और इससे अपने माथे पर मालिश करें।
दर्द के दौरान आप थोड़े-थोड़े अंतराल में इस मिश्रण से मालिश करते रहें।

7. तुलसी : एक या दो बूंद तुलसी का तेल
एक या दो चम्मच अन्य तेल जो आपको सूट करे (कैरियर ऑयल) तुलसी के तेल को अन्य तेल के साथ मिलाएं।
अब इस तेल के मिश्रण को रूई की मदद से या अंगुलियों पर लगाकर माथे और गर्दन पर हल्की-हल्की मालिश करें।
फिर इसे कुछ घंटों के लिए छोड़ दें।
इससे आपको आराम मिलेगा।
अधिक दर्द होने पर हर कुछ घंटों में इसे लगा सकते हैं।


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